Описание
विद्यार्थियों में भारतीय मूल्यों, भारतीय संस्कारों, भारतीय आस्थाओं तथा भारत की गौरव गाथा के प्रति गौरवपूर्ण भावना के सृजन हेतु परिषद् वर्ष 2001 से राष्ट्रीय स्तर पर भारत को जानो प्रतियोगिता सम्पन्न कर रहा है।
स्वामी विवेकानन्द जी का कथन है कि ‘‘अतीत की नींव पर ही भविष्य की श्रेष्ठताओं का निर्माण होता है।’’ सत्य है कि गौरवपूर्ण अतीत से प्राप्त आत्म -गौरव का भाव तथा प्रगतिशील वर्तमान से प्राप्त आत्मविश्वास, हमें उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करने में सहायक होता है। भारत के इसी गौरवपूर्ण अतीत और प्रगतिशील वर्तमान से संबंधित विभिन्न विषयों की प्रेरक व ज्ञानवर्द्धक जानकारी पर ही आधारित होती है यह, ‘‘भारत को जानो प्रतियोगिता’’।
भारत को जानो प्रतियोगिता तीन स्तरों पर, कनिष्ठ (कक्षा 6 से 8) तथा वरिष्ठ (कक्षा 9 से 12) दो वर्गों में होती है। प्रथम स्तर पर देश के सभी प्रान्तों में शाखा स्तर पर दो चरणों में होने वाली लिखित परीक्षा व मौखिक प्रतियोगिता के आधर पर चयनित, कनिष्ठ व वरिष्ठ वर्गों के दो-दो प्रतिभागियों की टीमों को प्रत्येक शाखा द्वारा प्रान्त स्तर पर भेजा जाता है। द्वितीय स्तर में प्रान्त स्तर पर मौखिक प्रश्न मंच द्वारा चयनित दोनों वर्गों की एक-एक सर्वश्रेष्ठ टीम को तृतीय स्तर पर रीजनल स्तर की प्रतियोगिता भेजी जाती है। रीजनल स्तर पर विजेता टीमों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भेजा जाता है, जहाँ टीमों के मध्य रोचक तरीके व आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक एवं कम्प्यूटर तकनीक से मौखिक प्रश्नमंच का आयोजन होता है।
भारत को जानो प्रतियोगिता प्रकल्प कुछ ही वर्षों में परिषद् परिवार के साथ-साथ विद्यालयों व आम जनमानस में बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है। इस प्रकल्प की लोकप्रियता का ही परिणाम है कि प्रतिवर्ष परिषद् द्वारा हिन्दी व अंग्रेजी में अलग-अलग प्रकाशित ‘भारत को जानो’ पुस्तक की 2.5 लाख से अधिक प्रतियाँ वितरित होती हैं तथा 15 लाख से अधिक विद्यार्थी इस प्रतियोगिता में भाग लेते हैं।
This competition is a quiz programme for the school children to increase their awareness about the distinctive features of our country and culture.
Before the “Bharat Ko Jano” project was taken at the national level, this had successfully been implemented U.P. West Prant for a number of years. In the year 2000, it was decided to conduct this programme on an experimental basis in all the eight Prants of U.P. state. Encouraged by its success, it was decided to adopt it as an all India Project.
From the year 2001-02 this competition is being held at branch, state and national levels. During the third all India completion held in 2003-04, for the first time computers were used. All the questions were displayed on the computers kept in front of the teams as well as the audiences.
This “Bharat Ko Jano” programme has generated great interest among the students. Now over 15 lakh students annually participate in this programme. Every year over 2.5 lakh “Bharat Ko Jano” books are distributed among the school students for this competition.